ऋषिकेश, 2 नवंबर : आवास विकास वेल्फेयर एवं कल्चरल सोसाइटी द्वारा सोलहवां भव्य अन्नकूट भंडारे का आयोजन किया गया । जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में कैबिनेट मंत्री डॉ. प्रेमचंद अग्रवाल
उपस्थित रहे।
समिति के अध्यक्ष एवं संस्थापक मनोज कुमार वर्मा ने गोवर्धन पर्वत की पूजा के बारे में विस्तार से बताते हुए गोवर्धन पूजा के बारे में जानकारी दी, इस कथा के मान्यता के अनुसार भगवान श्री कृष्ण जी ने लोगों को गोवर्धन पूजा करने की सलाह दी थी कहा जाता है कि एक दिन भगवान श्री कृष्ण जी अपनी मां यशोदा को भगवान इंद्र की पूजा करने की तैयारी करते देखा तो भगवान श्री कृष्णा ने अपनी मां से पूछा कि आप इंद्र भगवान की पूजा क्यों कर रही है कृष्ण जी के इस सवाल के जवाब में उनकी मां ने उनसे कहा था कि समस्त गांव वाले और मैं भगवान इंद्र जी की पूजा इसलिए कर रहे हैं कि गांव में बारिश हो सके, बारिश के चलते उनके गांव में अच्छे से फसलों की और घास की पैदावार होगी और ऐसा होने से गायों को खाने के लिए चारा भी मिल सकेगा, अपनी मां की बात सुनकर कान्हा ने एकदम से कहा कि ऐसी बात है तो इंद्र भगवान की जगह गोवर्धन पर्वत की पूजा करनी चाहिए क्योंकि इस पर्वत पर जाकर ही गायों को खाने के लिए घास मिलती है इस बात का असर उनकी मां के साथ-साथ सभी बृजवासियों पर भी पड़ा,और सभी ने इंद्रदेव की पूजा करने की जगह गोवर्धन पर्वत की पूजा करनी शुरू कर दी, वहीं बृजवासियों को गोवर्धन की पूजा करते देखा तो इंद्र देवता नाराज हो गए और उन्होंने क्रोध में आकर अत्यधिक बारिश करना शुरू कर दिया तेज बारिश के कारण गांव के लोगों को काफी परेशानी होने लगी और यह लोग कृष्ण भगवान के पास मदद मागने चले गए वहीं लगातार तेज वर्षा के कारण पूरे घर में भी पानी भरने लगा और उन्हें सिर छुपाने के लिए कोई जगह नहीं मिल रही थी अपने गांव के लोगों की बारिश सुरक्षा करने के लिए श्री कृष्ण भगवान ने गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी उंगली से उठा लिया इसके बाद बृजवासी इस पर्वत के नीचे जाकर खड़े हो गए भगवान श्री कृष्ण ने इस पर्वत को एक सप्ताह तक उठा के रखा था, वही जब इंद्रदेव को पता चला कि कृष्ण भगवान विष्णु का रूप है तो उन्हें अपनी गलती का आभास हुआ और उन्होंने बारिश को रोक दिया बारिश रुकने के बाद कृष्ण जी ने पर्वत को नीचे रख दिया और उन्होंने अपने गांव के लोगों को हर वर्ष गोवर्धन पूजा मनाने का आदेश दिया। जिसके बाद यह त्यौहार हर वर्ष मनाया जाने लगा मान्यता अनुसार देसी गाय के गोबर से भगवान का स्वरुप बनकर छप्पन भोग, अन्नकूट का भोग लगाकर भगवान की पूजा करने से समस्त मनोकामना पूर्ण होती है ।
कार्यक्रम में राजपाल खारोला, विकास तेवतिया, समिति के संरक्षक प्रेम कुमार चांदनी एवं सरदार गुरमेल सिंह, मनोज कुमार वर्मा, सुरेंद्र मोहन पाहवा, सुशील कुमार वर्मा, आशीष द्रविड़,एस.के. पांडे, गिरधारी लाल अरोड़ा, हरिकिशन कोहली, रमाकांत गुप्ता, जोगिंदर सिंह, पूरन सिंह, एस.पी. अग्रवाल, दिनेश तंवर, तरुण नागपाल, गजेंद्र सिंह, नरेश कुमार अवस्थी, विपिन कुकरेजा, ऋषि अग्रवाल, पी. एस.मखलोगा, रोहित भाटिया कार्यकारिणी सदस्य एस.के उप्पल, संतोष राणाकोटी, रवि झींगन, मदनलाल वालिया, राजेश कुमार शाह,सo संतोंख सिंह वीर जी, रमन शर्मा एवं सनी भाटिया आदि उपस्थित रहे।