ऋषिकेश, 15 नवम्बर : अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स ), ऋषिकेश में एंटीमाइक्रोबियल जागरूकता सप्ताह का आयोजन 18 नवम्बर से 24 नवम्बर 2024 तक किया जाएगा। बताया गया है कि इस सप्ताह का उद्देश्य एंटीमाइक्रोबियल प्रतिरोध (AMR) के प्रति जन समुदाय में जागरूकता फैलाना और इसके प्रभाव को कम करने के लिए बेहतर प्रबंधन अभ्यासों को प्रोत्साहित करना है।
सप्ताहव्यापी कार्यक्रम की शुरुआत एम्स की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर डॉक्टर मीनू सिंह द्वारा उद्दघाटन समारोह से की जाएगी। जिसमें एंटीमाइक्रोबियल स्टूडवर्डशिप (AMS) और इसके महत्व पर चर्चा की जाएगी। इसके अंतर्गत एक कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा, जिसमें एकीकृत एंटीमाइक्रोबियल स्टूडवर्डशिप (IAS) प्रथाओं पर विशेष ध्यान केंद्रित किया जाएगा। इस कार्यशाला का उद्देश्य प्रशिक्षक (TOT) को तैयार करना और अस्पतालों में बेहतर एंटीमाइक्रोबियल प्रबंधन सुनिश्चित करना है।
एम्स के विभिन्न विभागों के तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम में विद्यार्थियों और नर्सों द्वारा एंटीमाइक्रोबियल प्रतिरोध (AMR) पर आधारित रोल-प्ले का आयोजन भी होगा, जिसमें वे विभिन्न परिप्रेक्ष्य से AMR की चुनौती को प्रस्तुत करेंगे। इसके अतिरिक्त, फार्मेसी स्टूडवर्डशिप पर एक विशेष कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा, जो एंटीमाइक्रोबियल दवाओं के उचित उपयोग को बढ़ावा देने के लिए है।
सम्पूर्ण सप्ताह में विभिन्न शैक्षिक और सामुदायिक जागरूकता गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा, जिसमें आम जनता को एंटीमाइक्रोबियल प्रतिरोध से बचाव और इसके नकारात्मक प्रभावों के बारे में जानकारी दी जाएगी। इसके अलावा, नर्सों, रेजिडेंट्स, विद्यार्थियों और फैकल्टी के लिए एक क्विज प्रतियोगिता का आयोजन भी किया जाएगा।
इस अवसर पर आईएएस चैंपियन वार्ड का चयन भी किया जाएगा, जो एंटीमाइक्रोबियल स्टूडवर्डशिप प्रथाओं में उत्कृष्टता के लिए सम्मानित किया जाएगा।
एम्स जनरल मेडिसिन विभाग के वरिष्ठ चिकित्सक एवं आयोजन सचिव डॉक्टर पी.के. पंडा ने बताया कि एम्स , ऋषिकेश का यह पहल एंटीमाइक्रोबियल प्रतिरोध की समस्या से निपटने और सही एंटीमाइक्रोबियल दवाओं के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। इस सप्ताह के दौरान विभिन्न जागरूकता कार्यक्रमों और गतिविधियों के माध्यम से संस्थान इस क्षेत्र में सुधार के लिए अपनी प्रतिबद्धता को और मजबूत करेगा।