ऋषिकेश, 20 नवंबर : वर्ल्ड एंटीमाइक्रोबियल अवेयरनेस वीक (WAAW-24) के अंतर्गत बुधवार को तीसरे दिन एम्स, ऋषिकेश में विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया गया।
जनजागरुकता सप्ताह के अंतर्गत बुधवार को HCW आंकलन और इंटरएक्टिव सत्र में स्वास्थ्यकर्मियों के लिए एक व्यापक आंकलन और प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें विभिन्न अस्पताल वार्डों में इंटरएक्टिव आइस-ब्रेकर सत्रों के माध्यम से भागीदारी की गई। इस अवसर पर विशेषज्ञों द्वारा HCWs को संक्रमण नियंत्रण, सटीक निदान और एंटीमाइक्रोबियल के उपयुक्त उपयोग, जैसे महत्वपूर्ण प्रथाओं को फिर से अपनाने के लिए प्रेरित किया गया।
बताया गया कि आंकलन एक साक्ष्य-आधारित चेकलिस्ट का उपयोग करके संरचित किया गया है, जिसमें एएमआर और स्टेवार्डशिप प्रथाओं के सभी पहलुओं को शामिल किया गया। इस व्यवस्थित मूल्यांकन में 10 अस्पताल क्षेत्रों को शामिल किया गया है, जिससे वर्तमान प्रथाओं की गहन समझ और सुधार के बिंदुओं की पहचान सुनिश्चित की जा सके। आंकलन टीम में कुल 29 स्वास्थ्यकर्मी शामिल किए गए, जिनमें फैकल्टी सदस्य, सहायक नर्सिंग अधीक्षक और सीनियर रेसिडेंट्स चिकित्सक शामिल किए गए। उन्होंने निरंतर सीखने और जवाबदेही की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए सहयोग किया।
इसके साथ ही, लगभग 380 डॉक्टरों, नर्सिंग अधिकारियों, अस्पताल अटेंडेंट्स और हाउसकीपिंग कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया गया। इस प्रशिक्षण मे उन्हें एंटीमाइक्रोबियल का जिम्मेदारी से उपयोग और संक्रमण नियंत्रण की सर्वोत्तम प्रथाओं के बारे में अवगत कराया गया।
जनजागरुकता कार्यक्रम के तहत आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में स्वास्थ्यकर्मियों ने एएमआर से निपटने में सक्रिय योगदान देने की प्रतिबद्धता जताई। इस शपथ ग्रहण मे संक्रमण नियंत्रण और एंटीमाइक्रोबियल स्टेवार्डशिप में सर्वोत्तम प्रथाओं का पालन करने के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को और मजबूत किया, जिससे मरीजों की सुरक्षा और एंटीबायोटिक्स की दीर्घकालिक प्रभावशीलता सुनिश्चित हो सके।
पहल का उद्देश्य और प्रभाव
HCWs को साक्ष्य-आधारित संक्रमण नियंत्रण प्रथाओं को अपनाने के लिए प्रेरित करना।
उचित निदान और एंटीमाइक्रोबियल्स के विवेकपूर्ण उपयोग को सुनिश्चित कराना।
एएमआर और इसके वैश्विक स्वास्थ्य पर प्रभाव के प्रति जागरूकता को मजबूत करना।
इस अवसर पर सामान्य चिकित्सा विभाग के एडिशनल प्रोफेसर एवं आयोजन सचिव डॉ. प्रसन्न कुमार पंडा ने एएमआर का मुकाबला करने में इस तरह की पहल के महत्व को विस्तार से समझाया गया । उन्होंने कहा कि, “यह कार्यक्रम स्वास्थ्यकर्मियों को ज्ञान, अभ्यास और प्रतिबद्धता के माध्यम से रोगाणुरोधी प्रतिरोध से लड़ने में सक्षम बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।”
उनका कहना है कि एम्स, ऋषिकेश का WAAW- 2024 का यह आयोजन सार्वजनिक स्वास्थ्य की सुरक्षा और शिक्षा, आंकलन, और सामुहिक प्रयासों के माध्यम से स्थायी स्वास्थ्य देखभाल प्रथाओं को बढ़ावा देने के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।