ऋषिकेश, 12 दिसम्बर : इंटरनेशनल यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज डे के अवसर पर परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि आज के दिन सभी मनुष्यों को स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने का संकल्प लेना चाहिए। स्वामी जी का कहना है कि योग, ध्यान, प्राणायाम, उचित नींद, आहार और व्यवहार को अपने दैनिक जीवनशैली में शामिल कर हमअपने शरीर को समग्र स्वास्थ्य बना सकते हैं।
सत्वा के प्रमुख, योगाचार्य श्री आनंद मेहरोत्रा जी और विश्व के अनेक देशों से आये योग जिज्ञासुओं को स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने योग, ध्यान, प्राणायाम और पर्याप्त नींद के माध्यम से समग्र स्वास्थ्य को आत्मसात करने का संदेश दिया।
स्वामी चितानंद सरस्वती का कहा कि परमार्थ निकेतन अपने राज्य उत्तराखंड व आसपास के क्षेत्रों को निःशुल्क उत्तम स्वास्थ्य सुविधायें प्रदान करने के लिये समर्पित है। यहां से वैश्विक स्तर के विशेषज्ञों द्वारा उत्तम स्वास्थ्य सुविधायें प्रदान की जाती है। परमार्थ निकेतन द्वारा पहाड़ों पर भी विशेष चिकित्सा शिविर आयोजित किये जाते हैं ताकि प्रत्येक व्यक्ति तक चिकित्सा सुविधायें पहुंचायी जा सके। इसी कड़ी मे परमार्थ निकेतन में 21 व 22 दिसम्बर, 2024 को निःशुल्क स्वास्थ्य जांच शिविर का आयोजन किया जा रहा है। जिसमे मेदान्ता, गुडगांव के विख्यात चिकित्सकों द्वारा हृदय रोग, छाती रोग एवं सामान्य रोगों का निशुल्क उपचार के साथ
ईसीजी, बीएमडी, पीएफटी, बीपी, ब्लड शुगर की निःशुल्क जांच व दवाई दी जाएगी।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि सभी को स्वस्थ जीवन जीने का अधिकार है। “स्वास्थ्य ही धन है” क्यों कि स्वस्थ जनसंख्या एक समृद्ध अर्थव्यवस्था की नींव है।
स्वामी जी ने कहा कि हमारे ऋषियों ने योग व आयुर्वेद के रूप में एक मूल्यवान मॉडल प्रस्तुत किया है। जो आध्यात्मिक, मानसिक और शारीरिक कल्याण के लिये उपयुक्त है। नियमित योगाभ्यास से तनाव कम होता है, इम्यूनिटी मजबूत होती है, और मानसिक स्पष्टता में वृद्धि होती है। योग के माध्यम से हम शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य की स्थिति को संतुलित कर सकते हैं। आजकल मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं बढ़ रही है। योग व ध्यान चिंता, अवसाद और तनाव को कम करने में मदद करता है, जिसका सीधा प्रभाव शारीरिक स्वास्थ्य पर पड़ता है। प्राणायाम, हमारे शरीर के महत्वपूर्ण अंगों में ऑक्सीजन का प्रवाह बढ़ता है, जिससे ऊर्जा स्तर बनाए रखने में मदद मिलती है यह समग्र स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है।
इस अवसर पर स्वामी जी ने कहा कि आहार व पोषण भी स्वस्थ रहने हेतु महत्वपूर्ण स्तंभों में से है। संतुलित आहार शरीर को आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करता है। स्वास्थ्यवर्धक आहार भारत की परम्परा है। हमारे शास्त्रों में तो कब सोना व कब उठना इसका भी स्पष्ट उल्लेख किया गया है क्योंकि पर्याप्त नींद स्वस्थ के लिये अत्यंत आवश्यक है।
यही कारण है कि यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज पर चिंतन मंथन करना जरूरी हो गया है। अपने राष्ट्र को स्वस्थ व समृद्ध बनाये रखने के लिये अब हमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) से ऋषि इंटेलिजेंस (आर आई) की ओर बढ़ना होगा।