ऋषिकेश, 22 नवंबर : एम्स ऋषिकेश मे सर्वाइकल कैंसर उन्मूलन सप्ताह के अवसर पर जनजागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमे महिलाओं को समय-समय पर स्क्रीनिंग कराने की सलाह दी गयी। बताया गया कि जनजागरूकता के माध्यम से गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर को रोका जा सकता है।
एम्स ऋषिकेश के प्रसूती व स्त्री रोग विभाग तथा नर्सिंग विभाग के संयुक्त तत्वावधान में सर्वाइकल कैंसर पर जनजागरूकता के विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए। अस्पताल के पेशेन्ट एरिया में आयोजित इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए संस्थान की कार्यकारी निदेशक प्रो. मीनू सिंह ने कहा कि सर्वाइकल कैंसर को समाप्त करने के लिए प्रत्येक महिला को स्वयं जागरूक होना पड़ेगा।
प्रो. मीनू सिंह ने कहा कि इससे बचाव के लिए नियमित स्तर पर इसकी जांच हेतु स्क्रीनिंग करानी जरूरी है। जांच और स्क्रीनिंग के लिए संस्थान में आई.डब्लू.सी.सी सेन्टर स्थापित है। महिलाओं को इस सुविधा का लाभ उठाना चाहिए।
डीन एकेडेमिक और गायनी विभाग की हेड प्रो. जया चतुर्वेदी ने एम्स ऋषिकेश द्वारा संचालित स्क्रीनिंग कार्यक्रम की जानकारी दी और एचपीवी टीकाकरण अभियान को बढ़ाने पर जोर दिया और कहा कि इसके लिए व्यापक जनजागरूकता अभियान संचालित करने की आवश्यकता है।
कार्यक्रम को चिकित्सा अधीक्षक प्रो. संजीव कुमार मित्तल ने भी संबोधित किया। गायनी विभाग की ऑन्कोलॉजिस्ट प्रोफेसर डाॅ. शालिनी राजाराम ने सर्वाकल कैंसर के लक्षणों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि एचपीवी वैक्सीन से इसे रोका जा सकता है। उन्होंने कहा कि किसी महिला में इस बीमारी के लक्षण हों या ना हों, तब भी उन्हें प्रत्येक 5 वर्ष में स्क्रीनिंग करवानी चाहिए।
‘‘सर्वाइकल कैंसर उन्मूलन सप्ताह‘‘ के अवसर पर नर्सिंग ऑफिसर्स और रेजिडेंट डॉक्टरों की टीम द्वारा नुक्कड़ नाटक प्र्रस्तुत कर इस बीमारी के प्रति महिलाओं को जागरूक किया गया। साथ ही इस विषय पर पोस्टर और स्लोगन प्रतियोगिता भी आयोजित की गई। कार्यक्रम में सर्वाइकल कैंसर के जोखिम कारक, संकेत और लक्षण, स्क्रीनिंग कार्यक्रम, एचपीवी टीकाकरण आदि के बारे में विस्तृत जानकारियां दी गयीं। इस दौरान गायनी विभाग के विभिन्न फेकल्टी सदस्य, चीफ नर्सिंग ऑफिसर रीटा शर्मा, नर्सिंग स्टाफ और अन्य मौजूद रहे।