उत्तराखंडचिकित्सा

एम्स ऋषिकेश के फार्माकाॅलोजी विभाग के तत्वावधान में आयोजित परफॉर्मेंस लिक्विड क्रोमैटोग्राफी (एचपीएलसी) प्रशिक्षण कार्यक्रम

ऋषिकेश, 27 नवम्बर : एम्स ऋषिकेश के फार्माकाॅलोजी विभाग के तत्वावधान में आयोजित परफॉर्मेंस लिक्विड क्रोमैटोग्राफी (एचपीएलसी) प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत विभिन्न प्रतिभागियों को बायोमेडिकल रिसर्च, क्लीनिकल डायग्नोस्टिक्स और व्यक्तिगत दवा विकास में एचपीएलसी तकनीक की उपयोगिता के विषय मे विस्तार से जानकारी दी गई।

एम्स ऋषिकेश की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर डॉ. मीनू सिंह के मार्गदर्शन में आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए फार्माकाॅलोजी विभागाध्यक्ष प्रोफेसर शैलेन्द्र हाण्डू ने व्यक्तिगत दवा विकास और शोध कार्यों मेें उपयोगी सिद्धांतों और तकनीकि दक्षता पर जोर दिया। उनके द्वारा प्रतिभागियों को एचपीएलसी उपकरणों के व्यवहारिक अनुभव और दवाओं के स्तर की निगरानी, बायोलॉजिकल सैंपल के विश्लेषण, और बायोमार्कर की पहचान जैसे विषयों पर विस्तृत जानकारी दी गई।

कार्यक्रम के आयोजन सचिव प्रोफेसर पुनीत धमीजा ने इस तकनीक के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि यह शोधकर्ताओं और छात्रों के लिए गुणवत्ता नियंत्रण, समस्या समाधान, और कैरियर उन्नति के नए अवसर खोलती है। उन्होंने बताया कि एचपीएलसी जैसी तकनीक न केवल अनुसंधान के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव ला सकती है,अपितु छात्रों और पेशेवरों को वैश्विक मानकों पर खरा उतरने में भी सक्षम बना सकती है।

एम्स भटिंडा के फार्माकोलॉजी विभाग के सहायक आचार्य एवं प्रशिक्षण विशेषज्ञ डॉ. विकास कुमार ने बताया कि इस प्रशिक्षण का उद्देश्य प्रतिभागियों को चिकित्सा अनुसंधान और चिकित्सीय नवाचारों में योगदान देने के लिए तैयार करना है।

कार्यक्रम के प्रशिक्षण समन्वयक डॉ. ज्ञानवर्धन ने प्रतिभागियों को इसे उद्योग की बदलती जरूरतों के अनुसार कौशल विकास का उत्कृष्ट मंच बताया।

कार्यक्रम में उत्तरांचल विश्वविद्यालय, बीएचयू, विवेक कॉलेज, शिवालिक कॉलेज और देवभूमि विश्वविद्यालय सहित कई संस्थानों के बी. फार्मा, एम. फार्मा, और पीजी स्तर के छात्रों ने भाग लिया । कार्यक्रम मे फार्माकोलॉजी विभाग के विभिन्न संकाय सदस्य, एसआर, जेआर आदि उपस्थित रहे।

डाॅ. पुनीत धमीजा के अनुसार यह तकनीक फार्मास्युटिकल अनुसंधान, खाद्य सुरक्षा, पर्यावरण विज्ञान, और बायोमेडिकल अनुसंधान में अत्यधिक उपयोगी है। इसके द्वारा जटिल सैंपल में मौजूद पदार्थों का सटीक और त्वरित विश्लेषण संभव होता है।

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!