दुष्कर्मी ताऊ को आजीवन कारावास की सजा, 61 का अर्थदंड
नाबालिग भतीजी के साथ वर्ष 2023 मे किया था बलात्कार
पिथौरागढ़। विशेष सत्र न्यायाधीश (पॉक्सो) ने भतीजी से दुष्कर्म करने वाले ताऊ को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही 61 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया है। अर्थदंड जमा नहीं करने के स्थिति में एक वर्ष का अतिरिक्त कठोर कारावास भुगतना होगा। घटना मार्च 2023 की है।
घटना पिथौरागढ़ जनपद के गंगोलीहाट थाना क्षेत्र की है, जहां मवेशियों को चुगाते हुए ताऊ ने अपने रिश्ते की 16 वर्षीय भतीजी के साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया था। साथ ही किसी को इसकी सूचना देने पर किशोरी को जान से मारने की धमकी भी दी थी। इसके बाद ताऊ ने भतीजी के साथ कई बार दुष्कर्म किया। नाबालिग ने जब पेट दर्द की शिकायत अपनी मां से की तो मां बेटी को लेकर बेरीनाग अस्पताल पहुंची जहां नाबालिग के गर्भवती होने का पता चला। इसके बाद प्रसव पीड़ा होने पर नाबालिग ने एक बच्ची को जन्म दिया। पूछताछ में नाबालिग ने इसके लिए गांव के रिश्ते के ताऊ को जिम्मेदार बताया। पूरे मामले में नाबालिग की मां की तहरीर पर आरोपी के खिलाफ गंगोलीहाट थाने में आईपीसी की धारा 323, 506, 376 (2) पॉक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया।
इसके बाद मामला विशेष सत्र न्यायाधीश (पॉक्सो) शंकरराज के न्यायालय में चला। दोनों पक्षों को सुनने के बाद उन्होंने दोष सिद्ध करार देते हुए 50 वर्षीय ताऊ को दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। न्यायालय ने धारा 376(2) आईएन(3) के लिए आजीवन कारावास और 50 हजार रुपए अर्थदंड की सजा से दंडित किया। जबकि धारा 506 के तहत 7 साल कठोर कारावास और 10 हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड नहीं देने पर एक वर्ष का अतिरिक्त कठोर कारावास भुगतना होगा।
आईपीसी की धारा 323 के तहत एक वर्ष का कठोर कारावास और एक हजार रुपए के अर्थदंड की सुनाई। अर्थदंड नहीं देने पर दो माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। दोष सिद्ध की सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी।