ऋषिकेश 28 अक्टूबर : एम्स ऋषिकेश के तत्वावधान में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के निर्देश पर संचालित स्वच्छता ही सेवा, विशेष अभियान 4.0 और कर्मयोगी सप्ताह पहल के अंतर्गत एक विशेष सम्मान समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें स्वच्छता और सार्वजनिक सेवा के प्रति उल्लेखनीय योगदान का जश्न मनाया गया। बताया गया कि यह खास कार्यक्रम स्वच्छता, स्थिरता और संस्थागत विकास को बढ़ावा देने पर केंद्रित रहा।
केंद्र सरकार की ओर से संस्थान में संचालित विभिन्न मुहिमों के दौरान कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर डॉ. मीनू सिंह ने जोर दिया कि स्वच्छता हमारे आचार व्यवहार व आदत में शुमार होना चाहिए।
उन्होंने स्वच्छता कार्यकर्ताओं के प्रयासों की सराहना की और उन्हें संस्थान को अपना घर जैसा मानने और उसी समर्पणभाव के साथ इसकी स्वच्छता बनाए रखने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने सभी से अपने आसपास स्वच्छता का वातावरण बनाए रखने की दिशा में मिलकर कार्य करने का आह्वान किया। इस दौरान निदेशक एम्स प्रो. मीनू सिंह ने बायोमेडिकल अपशिष्ट प्रबंधन के महत्व पर भी प्रकाश डाला।
डीन एकेडमिक्स, प्रोफेसर डॉ. जया चतुर्वेदी ने एम्स ऋषिकेश की सुंदरता को बढ़ाने और संस्थान को उल्लेखनीय प्रगति के पथ पर अग्रसर रखने में सामुहिक सहभागिता, सहयोग के सतत प्रयासों के लिए कर्मचारियों की मुक्तकंठ से प्रशंसा की। उन्होंने गर्व से उल्लेख करते हुए अवगत कराया कि दिल्ली एम्स और एम्स ऋषिकेश को उनके असाधारण स्वच्छता प्रयासों के लिए केंद्र सरकार की हालिया रिपोर्ट में सराहना मिली थी। डीन एकेडमिक्स ने स्वच्छता में और सुधार करने के लिए चार प्रमुख सिफारिशें की।
एम्स अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक प्रोफेसर डॉ. संजीव कुमार मित्तल ने मुख्य व्यक्तव्य में स्वच्छता के महत्व और स्वच्छता टीम के उत्कृष्ट कार्य को पहचानने पर ध्यान केंद्रित करने पर जोर दिया।
चिकित्सा अधीक्षक ने स्वच्छता कर्मचारियों की प्राथमिकता से स्वास्थ्य जांच की बात की। चिकित्सा अधीक्षक प्रो. संजीव कुमार मित्तल ने बताया कि संस्थान ने भारत सरकार की इस मुहिम के अंतर्गत अपने स्वच्छता कर्मचारियों के लिए 200 से अधिक एबीएचए आईडी और 50 आयुष्मान भारत योजना कार्ड बनाकर उनकी स्वास्थ्य जांच कर कार्मिकों के कल्याण को प्राथमिकता दी। नेशनल लर्निंग वीक में कौशल विकास के उद्देश्य से एक सरकारी पहल “आईगॉट पोर्टल” के माध्यम से स्वच्छता कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण प्रदान किया गया।
डीएमएस डॉ. पूजा भदोरिया ने स्वच्छता ही सेवा, विशेष अभियान 4.0 और कर्मयोगी सप्ताह के दौरान एम्स, ऋषिकेश की उपलब्धियों पर विस्तृत प्रकाश डाला। बताया कि संस्थागत स्तर पर मुहिम के तहत विभिन्न कार्यक्रमों और गतिविधियों का आयोजन किया गया, जिनमें स्वच्छता पदयात्रा, मेगा सफाई अभियान और पौधरोपण शामिल हैं। उन्होंने हाथों की स्वच्छता, वेस्ट टू आर्ट और पोस्टर मेकिंग जैसी रचनात्मक प्रतियोगिताओं के माध्यम से समुदाय को स्वच्छता जनजागरुकता अभियान से जोड़ा गया।
कार्यक्रम में प्रमुख गणमान्य व्यक्तियों में प्रो. जया चतुर्वेदी (डीन एकेडमिक्स), प्रो. संजीव कुमार मित्तल (चिकित्सा अधीक्षक), डॉ. पूजा भदोरिया (उप चिकित्सा अधीक्षक), लेफ्टिनेंट कर्नल राजेश जुयाल (अधीक्षण अभियंता), सुश्री रीता शर्मा (मुख्य नर्सिंग अधिकारी), संदीप कुमार सिंह (जनसंपर्क अधिकारी), डॉ. प्रसुन्ना जेली (एसोसिएट प्रोफेसर, कॉलेज ऑफ नर्सिंग), ओम आदित्य वर्मा ( कार्यकारी अभियंता-सिविल), महावीर सिंह (कार्यकारी अभियंता-इलेक्ट्रिकल) और राहुल पी.के. (कार्यकारी अभियंता-एसी एवं आर) ने अहम भूमिका निभाई।
कार्यक्रम के दौरान संस्थान के छात्रों, स्वास्थ्य पेशेवरों और स्वच्छता कार्यकर्ताओं समेत कई अन्य संस्थान के कर्मचारियों को स्वास्थ्य और स्वच्छता पहल के प्रति उनकी प्रतिबद्धता के लिए सम्मानित किया गया। संस्थान के नेतृत्व ने चलाए गए विभिन्न अभियानों में बढ़चढ़कर प्रतिभाग करने वाले सभी लोगों के सामुहिक प्रयासों की सराहना की गई और इस बात पर जोर दिया कि एक स्वस्थ राष्ट्र को आकार देने में स्वच्छता और सार्वजनिक स्वास्थ्य साथ-साथ चलते हैं। इस मुहिम को प्रेरक संदेशों व सामुहिक जनजागरुकता के प्रयासों से आगे बढ़ाया गया, जिसमें स्वच्छ भारत के मूल्यों को बढ़ावा देने में एम्स ऋषिकेश की भूमिका को रेखांकित किया गया।