देहरादून, 21 दिसंबर : उत्तराखंड प्रदेश मे निकाय चुनाव की घोषणा के बाद शहरी विकास विभाग ने 14 दिसंबर को सभी नगर निगम, नगर पालिका, नगर पंचायतों के मेयर-अध्यक्ष पदों के आरक्षण की अधिसूचना जारी की थी, उसी समय से प्रदेश में सरकार द्वारा आरक्षण सूची जारी होते ही सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा सहित अन्य दलों में विरोध के स्वर उठने लगे, विरोध के निस्तारण हेतु शहरी विकास विभाग द्वारा सभी दावेदारों से ऑनलाइन/ऑफ लाइन आपत्तियां मांगी गई और सभी दावेदारों को 7 दिन का समय दिया गया जो अब अंतिम चरण में है, इसके पश्चात विभाग कोई भी आपत्ति स्वीकार नहीं करेगा।
शहरी विकास विभाग के अनुसार राज्य में पहली बार आपत्तियों का आंकड़ा 1000 के करीब पहुंच चुका है। अभी शनिवार को भी आपत्ति दी जा सकती है। उधर, विभाग ने आपत्तियों का निस्तारण शुरू कर दिया है। माना जा रहा है कि 23 दिसंबर तक निस्तारण पूरा कर रिपोर्ट राज्य निर्वाचन आयोग को भेज दी जाएगी। नैनीताल जिले की अधिसूचना एक दिन देरी से जारी होने के कारण वहां की आपत्तियां 22 दिसंबर तक दर्ज कराई जा सकती हैं।
आरक्षण के बाद से आपत्ती दर्ज करने में हरिद्वार जिला सबसे आगे है। यहां 14 नगर निकाय हैं, जिनमें दो नगर निगम भी शामिल हैं। इस जिले की ढंडेरा नगर पंचायत से रिकॉर्ड आपत्तियां आईं हैं। पूरे जिले से भी सर्वाधिक करीब 300 आपत्तियां आ चुकी हैं। कई जिले और निकाय ऐसे भी हैं, जिनमें आपत्तियां काफी कम हैं।