उत्तराखंडसंविधान दिवस

संविधान की बातें केवल किताबों तक सीमित न रहें, बल्कि उन्हें हर व्यक्ति के दिल और दिमाग में भी स्थान मिले,संविधान ही है समाधान, स्वामी चिदानन्द सरस्वती

ऋषिकेश, 26 नवंबर। मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान में आयोजित तीन दिवसीय कुम्भ काॅन्क्लेव के दूसरे दिन भारतीय संविधान की 75 वीं वर्षगांठ के अवसर पर कहा कि संविधान ही है समाधान। आज का दिन भारतीय लोकतंत्र का आधार है और इसने हमारे राष्ट्र को एक मजबूत, संप्रभु और लोकतांत्रिक गणराज्य के रूप में स्थापित किया।

कुम्भ काॅन्क्लेव के दूसरे दिन परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी, उप मुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य जी, निदेशक, मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, श्री आर एस वर्मा जी, एडवोकेट, श्री अशोक मेहता जी, विधायक श्री दीपक मेहता जी, विधायक श्री देवप्रसाद मौर्य जी, इंडिया थिंक काउंसिल, श्री सौरभ पांडे जी और अन्य विशिष्ट अतिथियों ने सहभाग कर संविधान दिवस के अवसर पर भारत के गरिमामय इतिहास पर चर्चा की।

स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि संविधान ही है समाधान। हमारे संविधान ने हमें एक मजबूत आधार प्रदान किया है जिस पर हम अपने देश के भविष्य का निर्माण कर सकते हैं। यह हमें समानता, स्वतंत्रता और न्याय की दिशा में आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है। हमारे संविधान ने हमारे समाज को एकता और अखंडता का संदेश दिया है।

उन्होंने कहा कि संविधान दिवस हमें यह याद दिलाता है कि हमारे पास एक ऐसी पवित्र किताब है जो हमें सही दिशा में बढ़ने का मार्गदर्शन प्रदान करती है।

स्वामी जी ने कहा कि हमें अपने संविधान के प्रति सम्मान और आदर बनाए रखना होगा। संविधान ने हमें अधिकार दिए हैं, लेकिन इसके साथ ही वह हमें अपने कर्तव्यों का पालन करने का भी संदेश देती है। हमें संविधान के द्वारा दिए गए अधिकारों का सम्मान करने के साथ ही उन कर्तव्यों को नहीं भूलना चाहिए जो हमें इसे बनाये रखने के लिए करने हैं। संविधान दिवस एक मौका है जब हम अपने अधिकारों और कर्तव्यों को याद करते हैं और यह सुनिश्चित करते हैं कि हम अपने समाज को एक बेहतर स्थान बनाने के लिए योगदान दें, साथ ही उन्होंने देशवासियों से समाज में शांति और सद्भाव बनाए रखने का आह्वान किया।

स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने 26 नवम्बर 2008 को मुम्बई हमले में शहीद हुये जवानों को श्रद्धाजंलि अर्पित करते हुये उनकी स्मृति में परमार्थ त्रिवेणी पुष्प प्रयागराज में रूद्राक्ष का पौधा रोपित किया। उन्होंने कहा कि यह दिन भारतीय इतिहास में एक काले अध्याय के रूप में दर्ज है। हमारे बहादुर जवानों ने अपनी जान की बाजी लगाकर देश की रक्षा की। आज हम उन सभी वीर जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं जिन्होंने इस हमले में अपने प्राणों की आहुति दी। उनकी वीरता और बलिदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता।

 

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