ऋषिकेश,हरेला पर्व के अवसर पर ढाल वाला मुनि की रहती में श्रीमती इंदिरा आर्य जिला अध्यक्ष महिला प्रकोष्ठ भारतीय जनता पार्टी ने पौधारोपण कर पर मनाया जिसमें उन्होंने बोलते हुए कहा कि हरेला पर्व प्रकृति से जुड़ा एक लोक पर्व है जो उत्तराखंड के पहाड़ी समाज द्वारा मनाया जाने वाला सबसे महत्वपूर्ण पर्व है उत्तराखंड का पहाड़ी समाज हरेला पर्व साल में तीन बार मानता है उन्होंने कहा कि हिंदू वर्ष परंपरा या स्थानीय भाषा में गति के अनुसार मनाए जाने के कारण हर वर्ष लोगों में असमंजस की स्थिति रहती है कि आखिर हरेला पर्व किस दिन बोया जाए और किस दिन काटा जाना है इस असमंजस का एक अन्य कारण और है वह यह की कुछ जगह हरेला 11 दिन में काटा जाता है और कुछ जगह दसवें दिन सब लोग अपने-अपने गांव की परंपरा के अनुसार हरेला लगाते हैं और काटते हैं ।
इंदिरा आर्य जी ने कहा कि यही कारण है कि जिसकी वजह से हरेला दो अलग-अलग दिन बोया जाता है । हरेला एक कृषि पर्व है जो घर में सुख समृद्धि शांति के लिए बॉय और काटा जाता है। इसमें पांच या सात प्रकार के अनाज के बीज बोए जाते हैं यह अनाज जौ ,गेहूं मक्का घाट सरसों उड़द वह भट्ट होता है। हरेला पर्व का एक वैज्ञानिक पक्ष यह भी माना जाता है कि व्यक्ति अपने खेत की मिट्टी का कुछ हिस्सा लेते हैं उसमें सभी प्रकार के अनाज के बीच डालते हैं और उसके बाद इस बात का अनुमान लगाते हैं कि उसे वर्ष कौन सी फसल अच्छी हो सकती है।
पौधा लगाते समय साथ में महिला पदाधिकारी उर्मिला गुप्ता रंजू नीलम गुप्ता, अनिल शाह ,नमामि नर्मदे संघ के केंद्रीय सचिव प्रदेश कुमार शर्मा आदि शामिल रहे