देहरादून। हल्द्वानी के बनभूलपुरा थाना क्षेत्र अंतर्गत एक ऐसा मामला सामने आया है, जहां एक महिला ने युवक के एचआईवी संक्रमित होने के बावजूद उसे निकाह कर धोखा देने का मामला दर्ज कराया है। यही नहीं महिला ने एक बच्चे को जन्म भी दिया, लेकिन उसकी मौत हो गई। जिसके बाद इस पूरे मामले का खुलासा हुआ है।
बनभूलपुरा क्षेत्र की रहने वाली एक महिला का कहना है कि उसका पति निकाह से पहले एचआईवी संक्रमित था।उसके बावजूद धोखे से निकाह किया गया। निकाह के बाद प्रसव होने पर अस्पताल ले जाने के बजाय घर पर ही डिलीवरी कराई गई। ऐसे में बच्चे संग उसका स्वास्थ्य भी बिगड़ गया। अस्पताल में जांच कराने पर पता चला कि महिला एचआईवी पॉजिटिव है। महिला ने पति सहित सास, ससुर,नंद पर जबरन गर्भपात कराने दहेज और मारपीट का आरोप लगाते हुए बनभूलपुरा पुलिस में मामला दर्ज कराया है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस को सौंपी तहरीर में पीड़िता ने कहा कि जून 2020 में बनभूलपुरा थाना क्षेत्र निवासी युवक संग उसका निकाह हुआ था।
उस समय स्वजन ने जेवर, बाइक के अलावा सभी जरूरी सामान दिया। मगर पति, सास, देवर, जेठ और ननद दहेज की मांग को लेकर उत्पीड़न करने लगे। एक साल बाद प्रसव पीड़ा होने पर सास ने कहा कि हम लोग अस्पताल नहीं बल्कि घर पर ही डिलीवरी कराते हैं। जिसके बाद बेटे का जन्म हुआ, लेकिन उसकी तबीयत लगातार बिगड़ने की वजह से तीन माह बाद ही मौत हो गई। दूसरी तरफ महिला का लगातार स्वास्थ्य खराब होने पर अस्पताल में हुई जांचों से जानकारी मिली कि वह एचआईवी संक्रमित हो चुकी है। महिला के एचआईवी संक्रमित होने के बाद महिला काफी परेशान रहने लगी। इसके बाद महिला ने पति सहित ससुरालियों के खिलाफ मामला दर्ज कराया है।
बनभूलपुरा थाना प्रभारी नीरज भाकुनी ने बताया कि मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।वहीं इस पूरे मामले में डॉक्टर सुशीला तिवारी हॉस्पिटल के एचआईवी केंद्र के नोडल अधिकारी डॉक्टर वैभव कुमार ने बताया कि मामला उनके संज्ञान में नहीं है, लेकिन एचआईवी संक्रमित महिला का प्रसव डिलीवरी मेडिकल किट सुरक्षा के बीच में की जाती है।समय रहते अगर बच्चे को इलाज मिल जाए तो उसको बचाया जा सकता है। एचआईवी संक्रमित महिला की कभी भी घर में डिलीवरी नहीं करनी चाहिए नहीं तो डिलीवरी करने वाले वाले लोग भी संक्रमित हो सकते हैं।