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महाकुम्भ की दिव्य धरती परपरमार्थ निकेतन शिविर, प्रयागराज में माननीय राज्यपाल, उत्तराखंड, लेफ्टिनेंट जनरल, गुरमीत सिंह जी का आगमन

डा.साध्वी भगवती सरस्वती से की दिव्य भेंट, महाकुम्भ के दिव्य अनुभवों को किया साझा

प्रयागराज, 23 फरवरी : महाकुंभ के पावन अवसर पर उत्तराखंड के माननीय राज्यपाल, लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) गुरमीत सिंह जी का परमार्थ निकेतन शिविर में आगमन हुआ। यहाँ उन्होंने डॉ. साध्वी भगवती सरस्वती  से एक दिव्य भेंट वार्ता की, जिसमें उन्होंने आध्यात्मिक विचारों का आदान-प्रदान किया। साध्वी भगवती सरस्वती ने माननीय राज्यपाल को हिमालय की हरित भेंट रूद्राक्ष का पौधा भेंट किया, जो शांति, समृद्धि और आध्यात्मिक ऊर्जा का प्रतीक है।

माननीय राज्ययपाल जी ने संगम में लगायी डुबकी

माननीय राज्यपाल गुरमीत सिंह जी ने संगम में पवित्र डुबकी लगाई। उन्होंने कहा, यह स्थल न केवल भारत, बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक अद्वितीय आध्यात्मिक केंद्र है। राज्यपाल जी ने महाकुंभ के आयोजनों की भी सराहना की और इसे भारत की महान आध्यात्मिक परंपरा का जीवंत उदाहरण बताया। उन्होंने कहा, महाकुंभ का आयोजन न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और सभ्यता की समृद्धि का भी प्रतीक है। इस भव्य आयोजन के माध्यम से हम भारतीय संस्कृति के मूल्यों को पूरे विश्व में प्रसारित कर सकते हैं।

महाकुम्भ के दिव्य अनुभवों को किया साझा

संगम में स्नान के बाद, राज्यपाल जी ने अपने अनुभवों को साझा करते हुए कहा, यह एक दिव्य और अभूतपूर्व अनुभव है। महाकुंभ की यह यात्रा मेरे जीवन का अनमोल क्षण है।

डा. साध्वी भगवती सरस्वती ने कहा कि महाकुंभ का पर्व भारत की प्राचीन संस्कृति, आस्था और एकता का प्रतीक है। यहाँ आकर सभी की भावना पवित्र और शुद्ध होती है, और यह अवसर हमें आत्म-संवाद, आंतरिक शांति और दिव्य आशीर्वाद की प्राप्ति का मार्ग दिखाता है। महाकुंभ हमें याद दिलाता है कि हम सभी की आत्मा एक है।

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