उत्तराखंड

होलिका दहन कब करें !! होली कब मनाएं

कुछ समय से होली के विषय पर काफी संशय बन रहा है । जिस कारण लोग काफी शंका में रह जाते हैं

ऋषिकेश ( दिलीप शर्मा ),13 मार्च : ज्योतिषाचार्य पंडित दीपक उनियाल ग्राम वीना भिलंग टिहरी गढ़वाल के अनुसार बार 2025 की होली 13 और 14 मार्च को होगी । होलिका दहन के विषय पर काफी शास्त्र-पुराने को देखा गया है ! और हमारे शास्त्र-पुराणों में जो बताया गया है ! उसी के हिसाब से हमें होलिका दहन करना चाहिए !!

धर्म सिंधु में लिखा है-

*सा प्रदोष व्यापिनी भद्रारहित ग्राह्या*

अर्थात- 1– यदि प्रदोष काल के समय भद्र हो तो दूसरे दिन प्रदोष-व्यापिनी पूर्णिमा में होलिका दहन करना चाहिए !

2 –यदि दूसरे दिन पूर्णिमा-प्रदोष व्यापिनी ना हो तो पहले दिन भद्रा समाप्ति के बाद होलिका दहन करें ।

3– परंतु यदि उस दिन (पहले दिन) भद्र निशीथ (अर्धरात्रि ) के बाद या निशीथ में समाप्त हो रही हो तो भद्रा के मुख्यकाल निशीथ के अनन्तर होलिका दहन करने का निषेध है ।

इस वर्ष 2025 में 13 मार्च को ही प्रदोष व्यापिनी है। 14 मार्च को तो वह प्रदोष काल को बिल्कुल भी स्पर्श नहीं कर रही है !!
13 मार्च को भद्रा् अर्ध्दरात्रि 12 बजकर 37 मिनट से पहले 11 बजकर 31 मिनट पर समाप्त हो रही है !!
अतः होलिकादीपन 13 मार्च बृहस्पतिवार को रात्रि 11 बजकर 31मिनट के बाद और निशीथ 12 बजकर 37 मिनट से पहले ही करना शास्त्र सम्मत होगा ।

13 मार्च को भद्रामुखकाल रात्रि 8 बजकर 18 मिनट से रात्रि 10 बजकर 27 मिनट तक रहेगा ! तथा भद्रा पुच्छकाल श्याम के 7:00 बजे से रात्रि 8 बजकर 18 तक रहेगा ।

13 मार्च को होलिका दहन होगा और 14 मार्च को होली छरोली होगी !!

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