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एम्स ऋषिकेश मे ऑनलाइन सिस्टमैटिक रिव्यू और मेटा विश्लेषण पर सात दिवसीय कार्यशाला का आयोजन

इसका उद्देश्य शोधकर्ताओं और चिकित्सकों को हेल्थकेयर में मेटा विश्लेषण पर ट्रेनिंग के माध्यम से प्रशिक्षित करना है

ऋषिकेश, 23 मार्च : सिस्टमैटिक रिव्यू और मेटा विश्लेषण (एस.आर.एम.ए.) विषय पर अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, ऋषिकेश, इंटीग्रेटेड फाउंडेशन उत्तराखंड, आई.ए.एम.बी.एस.एस. और नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ नर्सिंग एजुकेशन पी.जी.आई.एम.ई.आर. चंडीगढ़ के संयुक्त तत्वावधान में एक महत्वपूर्ण कार्यशाला सोमवार से शुरू होगी। ऑनलाइन सिस्टमैटिक रिव्यू और मेटा विश्लेषण पर यह सात दिवसीय कार्यशाला 24 मार्च से 30 मार्च तक आयोजित की जाएगी।

 इसका उद्देश्य शोधकर्ताओं और चिकित्सकों को हेल्थकेयर में मेटा विश्लेषण पर ट्रेनिंग के माध्यम से प्रशिक्षित करना है। इस ट्रेनिंग में देश के विख्यात विशेषज्ञ प्रोफेसर मीनू सिंह ( कार्यकारी निदेशक एम्स ऋषिकेश), डॉ. सुखपाल कौर (पी.जी.आई.एम.ई.आर.चंडीगढ़), डॉ. सुषमा सैनी (पी.जी.आई.एम.ई.आर. चंडीगढ़), डॉ. विनय कुमार (पी.जी.आई.एम.ई.आर. चंडीगढ़), डॉ. फूलन शर्मा (एम्स गुवाहाटी), डॉ. रमेश पाल (पी.जी.आई. चंडीगढ़), डॉ. नताशा, डॉ. मनिंदर कौर, डॉ. हरप्रीत कौर, डॉ. जागृति सैनी, डॉ. अशोक कुमार, डॉ. मनीषा नागी, डॉ. प्रियंका उनियाल और डॉ. उर्मिला कार्यशाला में अपने व्याख्यान प्रस्तुत करेंगे।

कार्यशाला के संयोजक डॉ. जितेन्द्र गैरोला ने बताया कि अपने शोध कौशल को बढ़ाने के लिए आयोजित इस कार्यशाला में देश के 200 से अधिक प्रतिभागी, जिसमें फैकल्टी सदस्य, पीएचडी स्कॉलर, डॉक्टर ऑफ मेडिसिन स्टूडेंट, एलाइड हेल्थ साइंसेज के स्टूडेंट्स, नर्सिंग ऑफिसर्स आदि भाग ले रहे हैं।

कार्यशाला में देश के राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों एम्स दिल्ली, पी.जी.आई.एम.ई.आर. चंडीगढ़, एम्स ऋषिकेश, एम्स गुवाहाटी, एम्स भोपाल, एम्स पटना, एम्स जोधपुर और जाने-माने विश्वविद्यालयों पंजाब यूनिवर्सिटी और अन्य निजी शिक्षण संस्थानों से 200 से अधिक प्रतिभागी शिरकत करेंगे।

डॉ. जितेन्द्र गैरोला ने बताया कि इस सात दिवसीय कार्यशाला को इस तरह से तैयार किया गया है कि प्रतिभागियों को बहुत सामान्य स्तर से लेकर आधुनिक सांख्यिकी सॉफ्टवेयर्स पर ट्रेनिंग दी जाए जिससे वह लेवल- 1. एविडेंस के साक्ष्य कैसे बनते हैं और कैसे उनके विश्लेषण होते हैं इशके अलावा स्वास्थ्य क्षेत्र में लेवल- 2. एविडेंस का क्या महत्व है, वह इन तमाम विषयों को समझ सकें और विश्लेषण कर सकें। इससे प्रतिभागियों को शोध कार्यों में लाभ होगा। साथ ही कार्यशाला में प्रतिदिन तीन प्रश्न पूछे जाएंगे और प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान पर आने वाले प्रतिभागियों को सम्मानित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि यह अलग तरह की अपने आप में पहली कार्यशाला है, जिसमें इतनी अधिक संख्या में प्रतिभागी शिरकत कर रहे हैं।

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