अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव के तीसरे दिन विभिन्न योगाचार्यो द्वारा योग साधकों को अलग-अलग सत्रों में योगाभ्यास कराये गये
मुख्य पांडाल में 'निरामय योगम रिसर्च फाउंडेशन' के संस्थापक निदेशक डॉ० उर्मिला पांडे ने योग प्रशिक्षार्थियों को योगाभ्यास कराते हुए कहा की 'कास्मिक हीलिंग' द्वारा किसी भी बीमारी को समय से पहले रोग बनने से रोका जा सकता है

मुनिकी रेती (ऋषिकेश)- 03 मार्च : गढ़वाल मण्डल विकास निगम व पर्यटन विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव के तीसरे दिन विभिन्न योगाचार्यो द्वारा योग साधकों को अलग-अलग सत्रों में योगाभ्यास कराये गये।
मुख्य पांडाल में ‘निरामय योगम रिसर्च फाउंडेशन’ के संस्थापक निदेशक डॉ० उर्मिला पांडे ने योग प्रशिक्षार्थियों को योगाभ्यास कराते हुए कहा की ‘कास्मिक हीलिंग’ द्वारा किसी भी बीमारी को समय से पहले रोग बनने से रोका जा सकता है। इसमें जो औरा स्कैन करते हैं इस से पता चल जाता है कि शरीर के अन्दर समस्या क्या है।
सूक्ष्म शरीर के जो चक्र हैं उन चक्रों को प्रदूषित करने वाली नकारात्मक ऊर्जा को कास्मिक हीलिंग से बाहर निकाला जाता है। कास्मिक हीलिंग यूनिवर्स से ऊर्जा प्राप्त करने की ऐसी तकनीक है जो शरीर के अन्दर उत्पन होने वाले रोग की जड़ को पहचान कर उनकी नकारात्मकता को समाप्त कर लेती है। कास्मिक हीलिंग का सकारात्मक प्रभाव हमारे शरीर व मस्तिष्क पर पड़ता है। उन्होनें कहा कि कास्मिक ऊर्जा व्यक्ति से व्यक्ति में नहीं वरन यूनिवर्स से व्यक्ति में आती है। डॉ० पांडे ने कहा की यम, नियम, तप, सहज शक्ति एवं धैर्य के रूप में जो आत्मबल हम अपने अन्दर विकसित करते हैं वस्तुतः वही आध्यात्म है।
दूसरी ओर मुख्य पांडाल के दूसरे सत्र में महायोगी जीतानन्द जी महाराज ने कठिन योग साधना का अभ्यास कराते हुए कहा कि ‘आत्मरक्षा सिद्ध योग साधना’ प्राचीन भारतीय योग का पारम्परिक ज्ञान है जिसे दुनियां के अन्य देशों ने मार्शल आर्ट, कुम्फो, करांटे आदि नाम दिया है जो कि मूल रूप से भारतीय योग का मौलिक स्वरूप है। दून योगपीठ देहरादून के संस्थापक योगाचार्य डा० विपिन जोशी ने कहा की उत्तराखण्ड योग वेलनस का हब बनाने का लक्ष्य लेकर वह अभियान चला रहे हैं जिससे रिवर्स पलायन को बढ़ावा मिलेगा। लाइट एवं साउंड हॉल में योग प्रशिक्षार्थियों को संबोधित करते हुए श्री गुरू रामराय विश्वविद्यालय के योग विज्ञान विभाग के संकाय अध्यक्ष प्रो० कंचन जोशी ने आसनों की वैज्ञानिकता के बारे में बताया कि आसन योग का सबसे महत्वपूर्ण अंग है हठयोगी ग्रन्थों में आसनों को पहला स्थान दिया गया है। आसन शरीरिक दृढ़ता तथा मानसिक स्थिरता प्रदान करने वाला ऋषि मुनियों द्वारा दिया गया वरदान है।
योगा हॉल में योगाचार्य कपिल संघी ने प्राणायाम के बारे में विस्तार से बताया उन्होंने कहा कि श्वास लेने व छोड़ने के बिना मनुष्य का जीवन संभव नहीं है। भौतिक रूप में अधिक ऊर्जा गहरी लंबी श्वास लेकर और छोड़कर उत्पन की जा सकती है। श्वास लेने के भिन्न-भिन्न प्रकार और प्रक्रियों के माध्यम से हम अपने श्वसन तंत्र को मजबूत कर दृढ़ता प्रदान करते हैं। और प्राण ऊर्जा को निर्वाध गति से सारे शरीर में संचारित करने का अभ्यास करते हैं और हम इसको शास्त्रीय विधि से प्राणायाम किस प्रकार किया जाना है उसका अभ्यास प्रतिभागियों को कराते हैं। अपरान्ह बाद के सत्र में सुविख्यात लेखक व साहित्यकार श्री अक्षत गुप्ता ने भारतीय संस्कृति व इतिहास में महिलाओं की भूमिका पर प्रकाश डाला और बताया कि किस प्रकार महिलायें संस्कृति और इतिहास की धुरि हैं। सांस्कृतिक संध्या में गढ़वाली लोक गीतों के ख्याति प्राप्त लोक गायक श्री नरेन्द्र सिंह नेगी ने पहाड़ी संस्कृति से ओत-प्रोत गीतों से श्रोताओं का मन मोह लिया।
दूसरी ओर अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव में आँचल डेरी, योगदा सत्संग सोसाईटी दिल्ली, स्पर्श हिमालय, नालंदा पुस्ताकालय एवं अनुसंधान केन्द्र, आयुर्वेद एवं यूनानी चिकित्सा टि०ग०, हिमालय वनस्पति स्वायत सहकारिता, सदगुरू देव सियाग सिद्ध योग, ग्लोबल योगा एलाइन्स, उत्तराखण्ड आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय, वेदावी हर्बल टी, उद्योग विभाग उत्तराखण्ड, आदि के स्टाल लगाए गये हैं।
अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव के दौरान पहले दिन से ही गंगा जी के पवित्र तट पर स्वामी नारायण आश्रम में वैदिक मंत्रोचार के साथ प्रतिदिन स्वामी नारायण आश्रम के ऋषिकुमारों व गढ़वाल मण्डल विकास निगम के अधिकारियों द्वारा हवन किया जा रहा है।
योग महोत्सव के तीसरे दिन कार्यक्रम में गढ़वाल मण्डल विकास निगम के प्रबंध निदेशक श्री विशाल मिश्रा, महाप्रबंधक प्रशासन विप्रा त्रिवेदी, महाप्रबंधक पर्यटन श्री दयानन्द सरस्वती, सहायक प्रधान प्रबंधक श्री एस.पी.एस. रावत, वरिष्ठ प्रबंधक कार्मिक श्री विश्वनाथ बेंजवाल, वित्त एवं लेखाधिकारी श्री चिंतामणी भट्ट, श्री रघुवीर सिंह राणा, श्री दीपक रावत, श्री गिरवीर सिंह रावत, श्री मेहरबान सिंह रांगड़, श्री आशुतोष नेगी, श्री मुकेश बेनीवाल, श्री अजयकांत शर्मा, श्री ओमप्रकाश भट्ट, श्री विरेन्द्र सिंह रावत समेत अनेक अधिकारी / कर्मचारी मौजूद रहे।