जनस्वास्थ्य के लिए एम्स ऋषिकेश का शोधकार्य साबित होगा मील का पत्थर
कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कार्यशाला में की शिरकत

ऋषिकेश – अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश में आयोजित शोध कार्यशाला ने जनस्वास्थ्य के क्षेत्र में नई दिशा देने का संदेश दिया। संस्थान के सामुदायिक चिकित्सा विभाग के तत्वावधान में आयोजित इस कार्यशाला में उत्तराखंड सरकार के स्वास्थ्य एवं शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।
जनस्वास्थ्य प्रणाली को सशक्त बनाने की पहल
कार्यक्रम में मंत्री डॉ. रावत ने कहा कि एम्स, ऋषिकेश राज्य में चिकित्सा और अनुसंधान के क्षेत्र में सतत प्रगति कर रहा है। उन्होंने कहा कि चिकित्सकों द्वारा किए जा रहे शोध कार्यों का लाभ सीधे आम जनता को मिलेगा और इससे सामुदायिक स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
निदेशक ने रखा शोध का खाका
संस्थान की कार्यकारी निदेशक प्रो. (डॉ.) मीनू सिंह ने कार्यशाला में सीपीपीसी प्रोजेक्ट और ठिंगनेपन में कमी से जुड़े अध्ययन के निष्कर्ष प्रस्तुत किए। उन्होंने बताया कि डिजिटल समाधान और बहु-क्षेत्रीय प्रयास न केवल मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं को सशक्त बना सकते हैं, बल्कि गैर-संचारी रोगों के बेहतर प्रबंधन और बच्चों में कुपोषण की समस्या को कम करने में भी मददगार साबित हो रहे हैं।
एआई-सक्षम उपकरण और राज्य की उपलब्धि
सामुदायिक चिकित्सा विभागाध्यक्ष प्रो. (डॉ.) वर्तिका सक्सेना ने बताया कि सीपीपीसी प्रोजेक्ट के तहत विकसित एआई-सक्षम डिजिटल टूल फ्रंटलाइन स्वास्थ्यकर्मियों को शुरुआती लक्षण पहचानने और स्वास्थ्य परिणामों में सुधार लाने में मदद करेगा।
उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि उत्तराखंड ने 2005 में 44% से घटाकर 2021 में 27% तक बच्चों में ठिंगनेपन की दर कम की है, जो देश में तीसरा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। इसका श्रेय सुशासन, महिलाओं की शिक्षा, मातृ पोषण और विभिन्न क्षेत्रों के संयुक्त प्रयासों को जाता है।
आशा कार्यकत्रियों की सराहना
प्रो. मीनू सिंह ने आशा कार्यकत्रियों के योगदान को सराहते हुए कहा कि संस्थान उनके प्रशिक्षण और सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्ध है, ताकि राज्य के हर नागरिक तक गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाई जा सकें।
विशेषज्ञों और प्रतिनिधियों की मौजूदगी
कार्यशाला में डीन एकेडमिक प्रो. जया चतुर्वेदी, डीन रिसर्च प्रो. एसके हांडू, चिकित्सा अधीक्षक प्रो. बी. सत्याश्री, एसएचएसआरसी के नोडल ऑफिसर डॉ. कुलदीप मार्तोलिया, ब्रिटिश हाईकमिशन के सीनियर ट्रेड एडवाइजर श्री अमन चावला, डीएफआई के प्रोजेक्ट ऑफिसर रूप राय मित्रा, एल्सवियर इंडिया के चेयरमैन डॉ. शंकर कॉल, निदेशक मिस हेमा जगोटा सहित कई विशेषज्ञ और एम्स के चिकित्सक मौजूद रहे।