उत्तराखंडस्वास्थ्य

एम्स ऋषिकेश व एफओजीएसआई के संयुक्त तत्वावधान में संस्थान के ऑडिटोरियम में आरोग्य योग यात्रा कार्यक्रम का किया गया आयोजन

एफओजीएसआई की इस पहल का उद्देश्य स्वास्थ्य, योग के लाभों के बारे में जन सामान्य को जागरुकता करना और योग से होने वाले लाभ को आधुनिक चिकित्सा के साथ शामिल करना है

ऋषिकेश, 21 फरवरी : एम्स ऋषिकेश व एफओजीएसआई के संयुक्त तत्वावधान में संस्थान के ऑडिटोरियम में आरोग्य योग यात्रा कार्यक्रम का आयोजन किया गया। बताया गया कि एफओजीएसआई की इस पहल का उद्देश्य स्वास्थ्य, योग के लाभों के बारे में जन सामान्य को जागरुकता करना और योग से होने वाले लाभ को आधुनिक चिकित्सा के साथ शामिल करना है।

एम्स ऑडटोरियम में आयोजित आरोग्य योग यात्रा कार्यक्रम का बतौर मुख्य अतिथि एनएचएम की निदेशक आईएएस सुश्री स्वाति एस. भदौरिया, अति विशिष्ट अतिथि डॉ. स्वामी दयाधीपानंद महाराज, संस्थान की कार्यकारी निदेशक एवं सीईओ प्रोफेसर (डॉक्टर ) मीनू सिंह, एफओजीएसआई की अध्यक्ष डॉ. सुनीता तंदुलवाडकर, संयोजक एवाईवाई डॉ. जयम कन्नन, उपाध्यक्ष एफओजीएसआई डॉ. श्यामल सेठ, एम्स डीन अकादमिक और ओबीएस और स्त्री रोग विभागाध्यक्ष प्रोफेसर (डॉ.) जया चतुर्वेदी व चिकित्सा अधीक्षक प्रोफेसर सत्यश्री बलिजा ने संयुक्तरूप से दीप प्रज्ज्वलित कर विधिवत शुभारंभ किया।
सत्र की शुरुआत योगी अमृतराज के निर्देशन में योग साधकों द्वारा कुर्सी योग प्रदर्शन से हुई। डीन अकादमिक और प्रसूति एवं स्त्री रोग विभागाध्यक्ष प्रो. जया चतुर्वेदी ने स्वागत भाषण प्रस्तुत किया। साथ ही डीन एकेडमिक ने जनसामान्य को कार्यक्रम की विषयवस्तु से अवगत कराया।

इस अवसर पर संस्थान की कार्यकारी निदेशक एवं सीईओ प्रो. मीनू सिंह ने आध्यात्म और चिकित्सा के एकीकरण के महत्व पर जोर दिया और ‘ईमानदारी सबसे अच्छी नीति है’ की ओर ध्यान आकर्षित किया।
एफओजीएसआई अध्यक्ष डॉ. सुनीता ने आधुनिक चिकित्सा पद्धति में आध्यात्मिकता के गहन ज्ञान को एकीकृत करने का महत्व व इससे जनसामान्य को होने वाले लाभ से अवगत कराया। उन्होंने इस एकीकरण से स्वयं के साथ गहरे संबंध और उपचार में इसके सार के बारे में बात की।

मुख्य अतिथि आईएएस स्वाति भदौरिया ने महिलाओं और मातृ स्वास्थ्य देखभाल के मद्देनजर एनएचएम के तहत संचालित विभिन्न कार्यक्रमों पर प्रकाश डाला और जनसामान्य को इन कार्यक्रमों से होने वाले लाभ से अवगत कराया व इन कार्यक्रमों के संचालन में जुटे सभी स्वास्थ्य कर्मियों के हरसंभव सहयोग का भरोसा दिलाया। उन्होंने किसी भी समुदाय के समग्र स्वास्थ्य के प्रमुख संकेतक के रूप में मातृ और शिशु स्वास्थ्य के महत्व पर जोर दिया।

रामकृष्ण मिशन अस्पताल, मुंबई के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. स्वामी दयाधीपानंद ने व्याख्यान में सभी के समक्ष स्वामी विवेकानंद के विचारों को साझा किया, जिसमें समग्र कल्याण को बढ़ावा देने और सामाजिक लाभ के लिए स्वास्थ्य सेवा प्रबंधन को आगे बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया गया। कार्यक्रम में ऋषिकेश और समीपवर्ती क्षेत्र के वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञों को मरीजों की स्वास्थ्य सेवा में सतत योगदान के लिए सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में संस्थान की प्रोफेसर शालिनी राजाराम, प्रो. अनुपमा बहादुर, प्रो. वंदना ढींगरा, प्रो. रश्मि मल्होत्रा, डॉ. पंकज शर्मा, डॉ. लतिका चावला, डॉ. कविता खोईवाल, डॉ. राजलक्ष्मी मुंदड़ा, डॉ. ओम कुमारी, डॉ. पूनम गिल आदि ने शिरकत की।

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