
पौड़ी/परमार्थ निकेतन(ऋषिकेश),3अक्टूबर : परमार्थ निकेतन में आयोजित माँ शबरी रामलीला का भव्य समापन पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती और साध्वी भगवती सरस्वती जी के पावन सान्निध्य में हुआ। समापन अवसर पर रामलीला के सभी पात्रों ने विश्व विख्यात गंगा आरती में सहभाग कर कार्यक्रम को और भी दिव्य बना दिया।
यह रामलीला परमार्थ निकेतन और सुरेन्द्र बक्शी आरोग्य सेवा फाउंडेशन (सैस) के तत्वावधान में आयोजित हुई। विशेषता यह रही कि यह भारत की पहली रामलीला है जो वनवासी, जनजाति और आदिवासी संस्कृति को समर्पित है।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि रामलीला हमारे समाज, संस्कृति और जीवन मूल्यों का जीवंत दर्पण है, जो सत्य, भक्ति और धर्म के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देती है। वहीं सैस फाउंडेशन के अध्यक्ष शक्ति बक्शी जी ने इसे मां गंगा के तट पर आयोजित होना ईश्वरीय आशीर्वाद बताया।
इस वर्ष की रामलीला को हरित संकल्प से जोड़ा गया। पर्यावरण संरक्षण का संदेश देने हेतु समापन अवसर पर शक्ति बक्शी व उनकी टीम को रूद्राक्ष का पौधा भेंट कर सम्मानित किया गया।