उत्तर प्रदेशमहाकुंभ

महाकुम्भ के दिव्य अवसर पर माननीय कानून व न्याय मंत्री, भारत सरकार, श्री अर्जुन राम मेघवाल जी, माननीय मंत्री श्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी जी पहुंचे परमार्थ निकेतन शिविर, परमार्थ त्रिवेणी पुष्प, प्रयागराज

राष्ट्रीय बालिका दिवस,कन्या है तो कल है-गंगा है तो जल है, नारी, घर की क्यारी नारी को सामान नहीं सम्मान चाहिये - स्वामी चिदानन्द सरस्वती

परमार्थ निकेतन शिविर, परमार्थ त्रिवेणी पुष्प, प्रयागराज में राष्ट्रसंत मानस मर्मज्ञ पूज्य बापू के श्रीमुख से हो रही श्रीराम कथा में परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष, स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी, म म स्वामी संतोषदास जी (सतुआ बाबा), साध्वी भगवती सरस्वती जी, और पूज्य संतों का पावन सान्निध्य

प्रयागराज, 24 जनवरी। महाकुंभ के दिव्य अवसर पर परमार्थ निकेतन शिविर, परमार्थ त्रिवेणी पुष्प, प्रयागराज में राष्ट्रसंत, मानस मर्मज्ञ पूज्य बापू के श्रीमुख से हो रही श्रीराम कथा में परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष, स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी, म म स्वामी संतोषदास जी (सतुआ बाबा), साध्वी भगवती सरस्वती जी और पूज्य संतों का पावन सान्निध्य प्राप्त हुआ। पूज्य बापू, मानस कथा के माध्यम से मानवता, प्रेम, करूणा और सत्य के संदेश को सभी के दिलों तक पहुँचाने का अद्भुत कार्य कर रहे हैं।

श्रीराम कथा में आज माननीय कानून और न्याय मंत्री, भारत सरकार, श्री अर्जुन राम मेघवाल जी और उद्योग मंत्री, श्री नंदगोपाल नंदी जी की गरिमामयी उपस्थिति रही।

आज की मानस कथा में पूज्य बापू ने कहा कि सुख का मूल श्रद्धा है; सुख का केन्द्र साधु संग है क्योंकि मानस, वेद, गीता सब ग्रंथ यहीं पर रहेंगे लेकिन साधु चले जायेंगे इसलिये साधु संग, साधु के पास बैठना ही महाकुम्भ का वास्तविक प्रसाद है।

बापू ने कहा कि पद, प्रतिष्ठा और प्रसिद्धि पूज्य संतों के आशीर्वाद से ही प्राप्त होती है। गंगा जी में जितनी बार गोता लगाओ उतना ही लाभ मिलेगा और मानस गंगा में गोता लगाने से जीवन का उद्धार हो जाता है।
उन्होंने कहा कि सिद्धि का लाभ होता है, आज राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर बापू ने अहिल्या जी की दिव्य कथा सुनायी। उन्होंने कहा कि रामायण विचारक और सुधारक दोनों को जन्म देती है।

माननीय कानून और न्याय मंत्री, भारत सरकार, श्री अर्जुन राम मेघवाल जी ने कहा कि आज 24 जनवरी, 1950 को इस देश की संविधान सभा ने हमारे राष्ट्र ध्वज को स्वीकार किया था इसलिये आज का दिन महत्वपूर्ण है। 25 जनवरी हम मतदाता दिवस के रूप में मनाते हैं और 26 जनवरी हम गणतंत्र दिवस के रूप मे मनाते हैं इसलिये संगम के तट पर पूज्य संतों के पावन सान्निध्य में ये त्रिदिवसीय कार्यक्रम आयोजित किया गया है।
उन्होंने श्रीराम कथा में माँ मीरा के रामधन ’’पायो जी मैने राम रतन धन पायो’’ गीत गाया। सभी श्रोता मंत्रमुग्ध हो गये।

स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने आज राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर मानस कथा से संबोधित करते हुये कहा कि ‘कन्या है तो कल है और गंगा है तो जल है‘ ये दोनों हमारे भारत के भविष्य और समग्र विश्व की पवित्रता के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। यदि हम कन्याओं को बचाने की दिशा में कदम नहीं उठाएंगे, तो आने वाली पीढ़ियों को किस तरह से बचा सकेंगे? नवरात्रि में हम कन्याओं को जिमाते हैं, परन्तु अगर कन्या नहीं होती तो जिमाएंगे किसे, अब समय आ गया कि कन्याओं को जिमाएं भी और जमाएं भी; उन्हें अपने पैरों पर खड़ा करें क्योंकि नारी, घर की क्यारी है। जब नारी शिक्षित और सशक्त होती है, तो वह अपने परिवार को समृद्ध बनाती है और दीक्षा के माध्यम से परिवार को संस्कार युक्त बनाती है। नारी को सामान नहीं, बल्कि सम्मान की आवश्यकता है। हमें यह समझना जरूरी है कि माँ नहीं तो हम नहीं इसलिये नारी का सम्मान करना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। स्वामी जी ने कहा कि देश की संस्कृति और संस्कारों को बचाए रखना हमारी जिम्मेदारी है। हमारी संस्कृति ही हमारी पहचान है।

स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी और पूज्य बापू ने माननीय मंत्री श्री अर्जुन राम मेघवाल जी को हिमालय की हरित भेंट रूद्राक्ष का पौधा भेंट कर उनका अभिनन्दन किया।

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