
परमार्थ निकेतन(ऋषिकेश),24अगस्त- परमार्थ निकेतन से श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के प्रकाश पर्व पर देशवासियों को शुभकामनाएँ देते हुए स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि गुरु ग्रंथ साहिब जी की अमर वाणी मानवता को शांति, करुणा और सत्य का मार्ग दिखाती है।
स्वामी चिदानन्द ने कहा कि गुरु वाणी हमें करुणा, सेवा, प्रेम, विनम्रता और भाईचारे की शिक्षा देती है। यह पर्व हमें अज्ञान और अहंकार का अंधकार मिटाकर मानवता, एकता और सेवा का प्रकाश फैलाने की प्रेरणा देता है।
उन्होंने कहा कि लंगर की परंपरा सेवा और समानता का अद्भुत उदाहरण है, जो हमें सिखाती है कि जाति-पंथ से ऊपर उठकर सबको एक परिवार की तरह देखना चाहिए। आज जब विश्व युद्ध, आतंक और जलवायु संकट जैसी चुनौतियों से जूझ रहा है, तब गुरु ग्रंथ साहिब जी की शिक्षाएँ शांति और समाधान का मार्ग प्रस्तुत करती हैं।
स्वामी चिदानन्द ने संदेश दिया कि यह पर्व केवल श्रद्धा का विषय नहीं, बल्कि कर्तव्य और उत्तरदायित्व की पुकार है—एक ऐसे समाज के निर्माण की दिशा में जहाँ कोई भूखा या शोषित न हो और सभी को समान दृष्टि से देखा जाए।