
ऋषिकेश, 21 सितम्बर- आपदा के समय त्वरित और सही प्रतिक्रिया किसी भी बड़ी दुर्घटना को टाल सकती है। इसी उद्देश्य से एसडीआरएफ टीम ढालवाला ने रविवार को सिंहटाली ब्यासी स्थित ताज होटल में होटल कर्मचारियों को आपदा प्रबंधन एवं बचाव संबंधी प्रशिक्षण प्रदान किया।
प्रशिक्षण के दौरान एसडीआरएफ निरीक्षक कविंद्र सजवान के नेतृत्व में टीम सदस्यों विजय सिंह खरोला, रवींद्र, सुमित नेगी एवं अनिल कोटियाल ने होटल कर्मचारियों को आपदा की परिस्थितियों से निपटने के लिए व्यावहारिक अभ्यास कराए। कर्मचारियों को आपदा के समय अपनाए जाने वाले एहतियाती उपायों के साथ-साथ आधुनिक बचाव उपकरणों के प्रयोग की जानकारी दी गई।
प्रशिक्षण के मुख्य बिंदु
- प्राथमिक उपचार (First Aid): घायल व्यक्ति को त्वरित उपचार देने की सरल विधियाँ।
- सीपीआर (CPR): हृदयगति रुकने या सांस बंद होने की स्थिति में जीवनरक्षक तकनीक।
- इंप्रोवाइज्ड स्ट्रेचर: सीमित संसाधनों से स्ट्रेचर बनाकर घायल को सुरक्षित स्थान तक पहुँचाना।
- मूविंग और लिफ्टिंग तकनीक: सुरक्षित ढंग से घायल को उठाकर ले जाने की विधियाँ।
- भूकंप से बचाव: कंपन के दौरान स्वयं को सुरक्षित रखने और दूसरों को सहारा देने के तरीके।
- आत्मरक्षा तकनीक: विषम परिस्थितियों में संयम बनाए रखते हुए स्वयं व अन्य की सुरक्षा।
- रोप रेस्क्यू: रस्सी के सहारे ऊँचाई या कठिन स्थानों से बचाव एवं निकासी की विधियाँ।
- उपकरणों की जानकारी: आपदा राहत में प्रयुक्त विभिन्न आधुनिक उपकरणों के उपयोग व महत्व।
टीम ने बताया कि उत्तराखंड का भूगोल आपदा की दृष्टि से संवेदनशील है, जहाँ अक्सर बाढ़, भूस्खलन, बादल फटना और भूकंप जैसी घटनाएँ घटती रहती हैं। ऐसे में स्थानीय नागरिकों और होटल कर्मचारियों का प्रशिक्षित व जागरूक होना बेहद आवश्यक है।
कर्मचारियों ने दिखाई गंभीरता
प्रशिक्षण के दौरान होटल कर्मचारियों ने पूरी तत्परता से अभ्यास किया और सीखी गई तकनीकों को व्यवहार में अपनाने का संकल्प लिया। कर्मचारियों ने एसडीआरएफ टीम की पहल की सराहना करते हुए कहा कि यह प्रशिक्षण न केवल उनके कार्यस्थल पर बल्कि व्यक्तिगत जीवन में भी उपयोगी सिद्ध होगा।
इस अवसर पर होटल ताज से सिक्योरिटी एवं सेफ्टी मैनेजर सूरज प्रजापति, राकेश पूनिया सहित अन्य स्टाफ मौजूद रहा।
SDRF के प्रयासों की सराहना
स्थानीय स्तर पर जागरूकता और प्रशिक्षण देने की एसडीआरएफ की यह पहल प्रशंसनीय है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि आपदाओं से निपटने के लिए आम नागरिक पहले से तैयार हों, तो किसी भी आपात स्थिति में जनहानि को काफी हद तक कम किया जा सकता है।