
ऋषिकेश, 12 अप्रैल : पंडित ललित मोहन शर्मा परिसर ऋषिकेश के योग विज्ञान विभाग द्वारा आज दिनांक 12 अप्रैल 2025 को नाद चिकित्सा कार्यालय का आयोजन किया गया। कार्यशाला का उद्घाटन परिसर के निदेशक प्रोफेसर महावीर सिंह रावत जी के साथ नादविशेषज्ञ रिपसी अरोड़ा व दिवाकर व्यास ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया। परिसर के निदेशक प्रो. रावत जी ने कार्यशाला के नाद योग विशेषज्ञ योगाचार्य दिवाकर व्यास एवं रिप्सी अरोड़ा को पुष्प गुच्छ देकर उनका स्वागत किया।
इस अवसर पर परिसर के निदेशक प्रोफेसर महावीर सिंह रावत ने कहा कि यह कार्यशाला न केवल अध्यनरत छात्र-छात्राओं की परीक्षा से पूर्व मानसिक तैयारी के लिए है अपितु यह स्थिरता प्रदान करने के साथ साथ स्मरण शक्ति विकास के लिए भी सहायक रहेगी, इसमें आत्म चिकित्सा का रहस्य भी समाहित है ।
इस अवसर पर नाद विशेषज्ञ रिपसी अरोड़ा ने बताया कि यह नाद चिकित्सा ब्रेन वेव थेरेपी के रूप में विकसित हो रही है जिसमें अलग-अलग फ्रीक्वेंसी के साथ नाद का अभ्यास करने से मन गहन विश्राम को प्राप्त करता है जिससे साधक योग के उच्च स्तरों को अनुभव कर सकता है।
योगाचार्य दिबाकर व्यास ने बताया क़ि आज के युग में नाद चिकित्सा अपने स्वर्णिम काल से गुजर रही है क्योंकि इस चिकित्सा का अधिकाधिक प्रयोग रोग निदान में हो रहा है।
योग विभागध्यक्ष डा. जयप्रकाश कंसवाल ने बताया नाद चिकित्सा हमारे वेद उपनिषदों की विद्या है जहां नाद से ही सृष्टि की उत्पत्ति कही गई है और इसी नाद रुपी ऊर्जा से मनोकायिक रोगों की चिकित्सा संभव है।
इस अवसर पर योग विभाग क़ि प्राध्यापिकायें डा. चंद्रेशवरी नेगी, डा. वीना रयाल, डा. हिमानी नौटियाल के साथ समस्त योग के छात्र/छात्राएँ उपस्थित रहें।