स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार अभियान : प्रदेशभर में स्वास्थ्य शिविरों में 80 हजार से अधिक गर्भवती महिलाओं की हुई प्रसव पूर्व जांच
गर्भवती महिलाओं की एएनसी जांच से मां और शिशु की सेहत का हुआ आंकलन

देहरादून (दिलीप शर्मा) : प्रदेशभर में चल रहे स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार अभियान के अंतर्गत आयोजित स्वास्थ्य शिविरों में अब तक 80,515 गर्भवती महिलाओं की एएनसी (एंटीनेटल केयर) जांच की गई है। इन जांचों के दौरान गर्भस्थ शिशु और मां की सेहत का विस्तृत मूल्यांकन किया गया।
जिलावार जांच का आंकड़ा
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, अल्मोड़ा में 2195, बागेश्वर 1131, चमोली 2285, चम्पावत 1758, देहरादून 15,728, हरिद्वार 14,472, नैनीताल 7853, पौड़ी 2375, पिथौरागढ़ 2067, रुद्रप्रयाग 1936, टिहरी 4650, ऊधमसिंह नगर 21,509 और उत्तरकाशी में 2556 गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व जांच की गई।
उच्च जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं की पहचान
स्वास्थ्य शिविरों में उच्च रक्तचाप, वजन, शारीरिक जांच, मधुमेह, एचआईवी व यूरीन जांच सहित अन्य परीक्षण किए गए। इस दौरान उच्च जोखिम गर्भधारण वाली महिलाओं की पहचान कर उन्हें अतिरिक्त चिकित्सीय परामर्श और सोनोग्राफी कराने की सलाह दी गई।
विशेष परामर्श उन महिलाओं को दिया गया जिनका पहला प्रसव ऑपरेशन से हुआ हो, पहले गर्भपात या मृत शिशु का जन्म हुआ हो, कम उम्र में गर्भधारण किया हो, गंभीर एनीमिया, उच्च रक्तचाप, मधुमेह या अन्य गंभीर बीमारी से ग्रसित हों।
संतुलित आहार और दवाओं पर जोर
डॉक्टरों ने गर्भवती महिलाओं को संतुलित आहार, नियमित दवा सेवन, हरी सब्जियां, दूध, सोयाबीन, फल, चना और गुड़ के सेवन की सलाह दी। एनीमिक महिलाओं को आयरन-फोलिक एसिड की गोलियां भी वितरित की गईं।
मातृ-मृत्यु दर में कमी की दिशा में प्रयास
विभागीय अधिकारियों ने बताया कि मातृ-मृत्यु दर में कमी लाने के लिए राज्य सरकार गंभीर है। एएनएम, आशा कार्यकर्ताओं और आंगनबाड़ी सेविकाओं के माध्यम से गर्भवती महिलाओं को संस्थागत प्रसव के लिए प्रेरित किया जा रहा है। साथ ही पंचायत स्तर पर प्रसव पूर्व जांच को बढ़ावा दिया जा रहा है।
स्वास्थ्य मंत्री का बयान
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि “गर्भवती महिलाओं की एएनसी जांच बेहद जरूरी है। इससे मां और शिशु की सेहत का समय पर पता चल जाता है और गर्भावस्था के दौरान संभावित जोखिम से बचाव संभव है।”